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मलाई गुलाब की खीर रेसिपी
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| It is very testy recipe |
मलाई गुलाब की खीर भारतीय उपमहाद्वीप की एक विशिष्ट और पुरातन मिठाई है, जिसकी जड़ें हमारी सांस्कृतिक परंपराओं और पाककला में गहराई से समाई हुई हैं। इस व्यंजन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री न केवल अत्यधिक पौष्टिक है, बल्कि यह स्वाद और रूपात्मकता के एक अद्वितीय समन्वय को भी प्रस्तुत करती है। चाहे यह व्यंजन किसी उत्सव की शोभा बढ़ाने के लिए तैयार किया जाए या इसे किसी विशेष अवसर की मिठास में वृद्धि हेतु उपयोग किया जाए, यह हर प्रकार की सांस्कृतिक और सामाजिक परिस्थितियों में उपयुक्त है। इस लेख का उद्देश्य न केवल रेसिपी को समझाने तक सीमित है, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व पर भी प्रकाश डालना है। मलाई गुलाब की खीर भारतीय व्यंजनों में अपनी अलग पहचान रखती है, जो मुगलकालीन प्रभावों से लेकर आधुनिक भारतीय पकवानों तक की यात्रा को दर्शाती है। पुराने समय में इसे शाही रसोई में विशेष अवसरों और उत्सवों के दौरान परोसा जाता था। इसकी बनावट और अद्वितीय स्वाद इसे न केवल एक मिठाई बल्कि एक परंपरागत धरोहर बनाते हैं।
आवश्यक सामग्री (Ingredients):-
1. दूध 1 लीटर (पूर्ण-वसा युक्त दूध, जिससे खीर अधिक गाढ़ी और समृद्ध हो)
2. चावल 1/4 कप (प्राकृतिक स्टार्चयुक्त चावल, जो पकने पर गाढ़ापन प्रदान करता है)
3. चीनी 1/2 कप (स्वादानुसार समायोज्य)
4. गुलाब जल 2 चम्मच (इसकी सुगंध खीर को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है)5. केसर: चुटकीभर (पूर्व-भिगोया हुआ, जो रंग और स्वाद दोनों में गहराई लाता है)
6. काजू, बादाम और पिस्ता 10-12 टुकड़े (सूक्ष्मता से कटे हुए, सजावट और पोषण के लिए उपयुक्त)
7. गुलाब की पंखुड़ियाँ 8-10 (ताज़ा और सुगंधित, जो इसकी दृश्य अपील को बढ़ाती हैं)
8. मलाई 1 कप (इसका समावेश व्यंजन की समृद्धि को बढ़ाने के लिए किया जाता है)
9. इलायची पाउडर: 1/2 चम्मच (सुगंध और स्वाद के लिए प्रमुख घटक)
विस्तृत प्रक्रिया :-
1. दूध और चावल की प्राथमिक तैयारी - प्रामाणिक स्वाद और बनावट सुनिश्चित करने के लिए, एक मोटे तले वाले पैन में दूध उबालें। मोटे तले वाले पैन का उपयोग सुनिश्चित करता है कि दूध समान रूप से गर्म हो और जलने से बचा रहे। यह प्रक्रिया खीर को एकसमान बनावट और गहराई प्रदान करती है, क्योंकि धीमी और नियंत्रित गर्मी दूध और चावल के प्राकृतिक स्टार्च को बेहतर तरीके से एकीकृत करती है। दूध उबालने की प्रक्रिया के दौरान सतह पर बनने वाली मलाई को किनारे करते रहें। जब दूध में उबाल आ जाए, तो उसमें भिगोए हुए चावल डालें। धीमी आँच पर पकाते हुए इसे नियमित रूप से हिलाएँ ताकि चावल और दूध समान रूप से मिल सकें और मिश्रण में कोई गांठ न बने।
2. चावल का इमल्सिफिकेशन इस चरण में चावल को दूध में पूर्णत - विसर्जित किया जाता है। यह सुनिश्चित करें कि चावल पूरी तरह से पक जाए और उसका स्टार्च दूध में घुलकर मिश्रण को गाढ़ा करे। चावल से निकला स्टार्च खीर की गाढ़ी और मलाईदार बनावट का मुख्य कारण है, क्योंकि यह दूध के साथ मिलकर एक प्राकृतिक इमल्सिफायर के रूप में कार्य करता है। यह न केवल खीर की स्थिरता बढ़ाता है बल्कि इसे मुँह में पिघलने जैसा अनुभव भी प्रदान करता है। यह प्रक्रिया लगभग 25-30 मिनट तक चल सकती है और इसमें निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
3. चीनी का समावेश - पकाए गए चावल और दूध के मिश्रण में चीनी डालें। चीनी मिलाने के बाद खीर की स्थिरता और स्वाद में परिवर्तन होता है। इसे 5-7 मिनट तक और पकाएँ ताकि चीनी पूरी तरह से घुल जाए और खीर में मीठेपन की गहराई आ सके।
4. गुलाब जल और केसर का संचार - इस चरण में गुलाब जल और गर्म दूध में भिगोया हुआ केसर डालें। गुलाब जल खीर को एक हल्की फूलों की सुगंध प्रदान करता है, जो इसे एक विशिष्ट पहचान देता है। वहीं, केसर का उपयोग न केवल खीर के रंग को एक सुनहरी आभा देता है, बल्कि इसके स्वाद में भी एक गहराई लाता है। ये दोनों सामग्री खीर के समग्र स्वाद और सुगंध को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन दोनों सामग्रियों का समावेश खीर में एक विशिष्ट सुगंध और सौंदर्य प्रदान करता है। इसे धीमी आँच पर 3-4 मिनट तक पकाएँ ताकि यह सामग्री मिश्रण में पूर्णतः समाहित हो जाए।
5. सूखे मेवों का सम्मिलन - कटे हुए काजू, बादाम, और पिस्ता डालें और इन्हें खीर में मिलाएँ। इनका समावेश न केवल पोषण में वृद्धि करता है, बल्कि व्यंजन की बनावट और स्वाद में भी परिष्कार लाता है। 5 मिनट तक धीमी आँच पर पकाएँ ताकि मेवे का प्राकृतिक स्वाद खीर में गहराई से समाहित हो सके।
6. मलाई और इलायची पाउडर का उपयोग - अंततः खीर में मलाई और इलायची पाउडर मिलाएँ। मलाई खीर को गाढ़ा और समृद्ध बनाती है, जबकि इलायची पाउडर इसकी सुगंध और मिठास को उभारता है। इसे अच्छी तरह से मिक्स करें और आँच बंद कर दें।
7. परोसने की प्रक्रिया - खीर को एक बड़े सर्विंग डिश में निकालें और इसे सजाने के लिए गुलाब की ताज़ा पंखुड़ियों और सूखे मेवे का उपयोग करें। इसे ठंडा करने के लिए फ्रिज में रखें या ताज़ा गर्मागर्म परोसें।
विशेषज्ञ टिप्स :-
1. सतत हिलाने की तकनीक - खीर को निरंतर हिलाना आवश्यक है ताकि दूध और चावल समान रूप से पकें और यह पैन के तले से न चिपके।
2. धैर्यपूर्वक धीमी आँच पर पकाना - धीमी आँच पर पकाने से खीर का स्वाद और बनावट उत्कृष्ट होती है।
3. अनुकूलन: आप स्वाद और पोषण को बढ़ाने के लिए अखरोट, किशमिश, या अन्य सूखे मेवों का उपयोग कर सकते हैं।
4. प्रत्येक अवसर के लिए अनुकूल: यह मिठाई हर प्रकार के भारतीय त्योहारों जैसे दिवाली, होली, या ईद के लिए आदर्श है।
सांस्कृतिक और पोषणीय महत्त्व :-
मलाई गुलाब की खीर न केवल एक मिठाई है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है। इसके हर चम्मच में मिठास के साथ-साथ इतिहास और परंपराओं की मिठास भी घुली हुई है। यह व्यंजन न केवल स्वाद में अनूठा है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। दूध और सूखे मेवे का समावेश इसे प्रोटीन, कैल्शियम, और आवश्यक विटामिन्स का उत्तम स्रोत बनाता है।
यह व्यंजन न केवल भोजन के अंत में मिठास का अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यह सामाजिक संबंधों को भी सुदृढ़ करता है। परिवार और दोस्तों के साथ इसे साझा करना एक सांस्कृतिक गतिविधि है जो आपसी प्रेम और स्नेह को बढ़ावा देती है। इसे बनाना जितना सरल है, इसका अनुभव उतना ही समृद्ध और यादगार होता है।




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